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पुनर्नवा के फायदे और उपयोग | 8 Punarnava Benefits in Hindi

पुनर्नवा के फायदे और उपयोग | 8 Punarnava Benefits in Hindi

पुनर्नवा एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है, जो खासकर किडनी और लिवर से जुड़ी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल की जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम Boerhavia diffusa है। यह पौधा झाड़ीदार होता है और भारत के कई हिस्सों में पाया जाता है। पुनर्नवा का मतलब होता है – “फिर से नया होने वाला”, यानी शरीर को फिर से ऊर्जा और ताकत देने वाला। इसकी पत्तियाँ, जड़ और बीज सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद में इसे शारीरिक सूजन, यूरिन की समस्या, जॉइंट पेन और कई क्रॉनिक बीमारियों में उपयोग किया जाता है। तो चलिए अब जानते है पुनर्नवा के फायदे और उपयोग


पुनर्नवा क्या है?

पुनर्नवा एक बहुवर्षीय औषधीय पौधा है, जिसका इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेद, यूनानी और घरेलू चिकित्सा में होता आ रहा है। इसका नाम “पुनर्नवा” इसलिए पड़ा क्योंकि यह पौधा सूखने के बाद भी थोड़ी सी नमी पाकर फिर से हरा-भरा हो जाता है – जैसे नया जन्म ले लेता हो। इसे आयुर्वेद में त्रिदोष नाशक औषधि माना गया है यानी यह वात, पित्त और कफ – तीनों दोषों को संतुलित करता है।

पुनर्नवा की सबसे खास बात यह है कि यह शरीर से अतिरिक्त जल (fluid retention) को निकालकर सूजन कम करने में मदद करता है। इसलिए इसे नेचुरल डाईयूरेटिक (natural diuretic) भी कहा जाता है। यह किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाने, यूरिन प्रॉब्लम्स ठीक करने, लिवर डिटॉक्स करने और वजन कम करने जैसे कई फायदे देता है।

इसकी पत्तियाँ सब्जी के रूप में खाई जाती हैं, वहीं इसकी जड़ और तने का उपयोग चूर्ण, काढ़ा या जूस के रूप में औषधीय तौर पर किया जाता है। पुनर्नवा की चाय भी आजकल काफी पॉपुलर हो रही है, खासकर वज़न घटाने के लिए।



पुनर्नवा के 8 फायदे और उपयोग

  1. किडनी को हेल्दी रखे:
    पुनर्नवा यूरिन सिस्टम को साफ़ करता है और किडनी के टॉक्सिन्स बाहर निकालता है। यह नेफ्रोटिक सिंड्रोम में फायदेमंद होता है।
  2. सूजन में राहत:
    इसके एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण शरीर की अंदरूनी और बाहरी सूजन को कम करते हैं।
  3. लिवर डिटॉक्स:
    पुनर्नवा लिवर को साफ़ करता है और हेपेटाइटिस जैसी लिवर से जुड़ी बीमारियों में लाभकारी होता है।
  4. डायबिटीज कंट्रोल:
    यह ब्लड शुगर लेवल को नेचुरली कंट्रोल करता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज में लाभ होता है।
  5. वज़न घटाए:
    इसके नेचुरल डाईयूरेटिक गुण शरीर में जमी एक्स्ट्रा फैट और पानी को बाहर निकालते हैं।
  6. सांस संबंधी रोगों में फायदेमंद:
    अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में इसका काढ़ा बहुत लाभदायक है।
  7. आंखों के लिए अच्छा:
    इसका अर्क आंखों की सूजन और जलन में राहत देता है।
  8. पीरियड्स की अनियमितता में सहायक:
    महिलाओं की मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को संतुलित करता है।


पुनर्नवा के नाम विभिन्न भाषाओं में | ( Names of Punarnava in Different Languages )


भाषा / सिस्टमनाम (Punarnava Name)
संस्कृत (Sanskrit)पुनर्नवा (Punarnava), शोथघ्नी (Shothaghni)
हिंदी (Hindi)पुनर्नवा, स्प्रिहा
अंग्रेज़ी (English)Spreading Hogweed, Pigweed
बंगाली (Bengali)गেঙ্গা (Genga), पुनर्नवा
मराठी (Marathi)गोकर्ण (Gokarn), सरनाई
तमिल (Tamil)मूकिरट्टई (Mookirattai)
तेलुगु (Telugu)अतलाकुड़ी चेत्तु (Atalakoora Chettu)
कन्नड़ (Kannada)संगेट्टि सॉप्पु (Sangatthi Soppu)
मलयालम (Malayalam)तवारा (Tavara)
गुजराती (Gujarati)शतरुंती (Shatarunti)
पंजाबी (Punjabi)सट्टांठा (Sattānṭhā)
उर्दू (Urdu)बीशापुरा (Beeshapura)
बोटैनिकल नाम (Botanical Name)Boerhavia diffusa
परिवार (Family)Nyctaginaceae (न्यक्टागिनेसिए)

पुनर्नवा के फायदे और उपयोग | 8 Punarnava Benefits in Hindi


1. किडनी को हेल्दी रखे

पुनर्नवा को आयुर्वेद में एक शक्तिशाली नेचुरल डाईयूरेटिक माना जाता है, जो किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यह शरीर में जमा हुए अतिरिक्त जल (फ्लूइड रिटेंशन) को बाहर निकालने में सहायता करता है, जिससे सूजन और किडनी पर अतिरिक्त दबाव कम होता है। जिन लोगों को फ्रिक्वेंट यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI), पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आने या कम पेशाब आने की समस्या होती है, उनके लिए पुनर्नवा एक बेहतरीन हर्बल समाधान है।

यह औषधि किडनी की नलिकाओं को साफ करती है और उसमें जमा विषैले तत्वों (toxins) को बाहर निकालने में मदद करती है। पुनर्नवा विशेष रूप से नेफ्रोटिक सिंड्रोम, क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) और किडनी स्टोन जैसी स्थितियों में भी लाभकारी पाई गई है। पुनर्नवा के नियमित सेवन से किडनी स्वस्थ रहती है और डायलिसिस की आवश्यकता को काफी हद तक रोका जा सकता है।


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2. सूजन में राहत

पुनर्नवा में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) गुण इसे एक प्राकृतिक सूजननाशक बनाते हैं। यह शरीर में अंदरूनी और बाहरी दोनों तरह की सूजन को कम करने में मदद करता है। चाहे जोड़ों में सूजन हो, मांसपेशियों में खिंचाव या पीठ दर्द हो — पुनर्नवा इन सभी स्थितियों में राहत प्रदान करता है। खासकर आर्थराइटिस (Arthritis), गाउट (gout), या गठिया जैसी बीमारियों में यह काफी कारगर माना जाता है।

आयुर्वेद में पुनर्नवा को “शोथहर” (सूजन को हरने वाली) औषधि कहा गया है। यह रक्त में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और टिशूज़ में जमा फ्लूइड को निकालकर सूजन को कम करता है। साथ ही, यह ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है, जिससे सूजन वाले हिस्से में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की सप्लाई बेहतर होती है।

पुनर्नवा का काढ़ा या रस लेने से शरीर को भीतर से ठंडक मिलती है और पुरानी सूजन की समस्याओं में प्राकृतिक राहत मिलती है।


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3. लिवर डिटॉक्स

पुनर्नवा को आयुर्वेद में एक उत्कृष्ट हेपेटोप्रोटेक्टिव (liver-protecting) औषधि माना जाता है, जो लिवर को विषैले पदार्थों (toxins) से मुक्त करने में मदद करती है। आज के समय में खानपान की गड़बड़ी, शराब सेवन, दवाओं का अधिक उपयोग और प्रदूषण के कारण लिवर पर भारी बोझ पड़ता है। ऐसे में पुनर्नवा एक नेचुरल लिवर टॉनिक की तरह काम करता है।

यह औषधि लिवर कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने (regenerate) और उनके कार्य को सुधारने में सहायक होती है। पुनर्नवा विशेष रूप से हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, पीलिया (jaundice) और लिवर इंफेक्शन जैसी बीमारियों में लाभदायक साबित होती है। यह पित्त (bile) के प्रवाह को सामान्य करती है, जिससे पाचन क्रिया भी बेहतर होती है।

पुनर्नवा का नियमित सेवन लिवर को साफ और सक्रिय बनाए रखता है। इसकी जड़ या रस का सेवन लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाकर शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करता है।


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4. डायबिटीज कंट्रोल

पुनर्नवा में प्राकृतिक रूप से मौजूद हाइपोग्लाइसेमिक (Hypoglycemic) गुण इसे एक असरदार हर्बल उपाय बनाते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करता है। यह शरीर में इंसुलिन की सक्रियता को बेहतर बनाता है, जिससे ग्लूकोज़ का अवशोषण प्रभावी ढंग से होता है और ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है।

टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए पुनर्नवा विशेष रूप से फायदेमंद है क्योंकि यह मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करता है और लिवर व पैंक्रियाज को सक्रिय रखता है, जिससे शुगर का प्राकृतिक नियंत्रण होता है। इसके अलावा, पुनर्नवा शरीर में इन्फ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को भी कम करता है, जो डायबिटीज के प्रमुख कारणों में से एक है।

पुनर्नवा का चूर्ण या रस रोज़ाना सुबह खाली पेट लेने से डायबिटीज के मरीजों को लंबे समय तक स्थिर और सुरक्षित ब्लड शुगर स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है — बिना किसी साइड इफेक्ट के।


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5. वज़न घटाए

वज़न कम करने के लिए पुनर्नवा एक बेहतरीन प्राकृतिक उपाय है। यह शरीर में जमा अतिरिक्त जल (Water Retention) को बाहर निकालने में मदद करता है, जो वजन बढ़ने का एक छुपा हुआ कारण होता है। इसके डाययूरेटिक गुण शरीर से विषैले तत्वों (toxins) और अतिरिक्त तरल पदार्थों को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालते हैं, जिससे वजन धीरे-धीरे घटने लगता है।

इसके अलावा, पुनर्नवा मेटाबॉलिज्म को तेज़ करता है और पाचन को सुधारता है, जिससे शरीर में फैट का अवशोषण कम होता है। यह भूख को संतुलित करता है और अनावश्यक बार-बार खाने की आदत पर नियंत्रण रखता है।

जो लोग थायरॉइड, हार्मोनल इम्बैलेंस या लिवर की कमजोरी के कारण मोटापे से जूझ रहे हैं, उनके लिए पुनर्नवा विशेष रूप से लाभकारी है। रोज़ सुबह पुनर्नवा का रस या काढ़ा लेने से शरीर हल्का महसूस होता है और वजन प्राकृतिक रूप से घटने लगता है — बिना किसी साइड इफेक्ट के।


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6. सांस संबंधी रोगों में फायदेमंद

पुनर्नवा को आयुर्वेद में फेफड़ों को मजबूत करने वाली औषधियों में गिना जाता है। इसके एक्सपेक्टोरेंट गुण कफ (बलगम) को ढीला करने और बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे सांस लेने में राहत मिलती है। यह खासकर अस्थमा (Asthma), ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), और एलर्जी जनित खांसी में अत्यंत उपयोगी है।

पुनर्नवा की जड़ और पत्तियों से तैयार काढ़ा या चूर्ण श्वसन तंत्र की सूजन को कम करता है और वायुमार्गों को साफ़ करता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है। इसका नियमित सेवन बलगम की अधिकता को रोकता है और फेफड़ों को साफ़ रखता है।

यह औषधि शरीर को ठंडक देती है और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाती है, जिससे मौसम बदलने पर होने वाली सांस की समस्याएं कम होती हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, पुनर्नवा सभी के लिए एक सुरक्षित और असरदार नेचुरल उपाय है।


7. आंखों के लिए अच्छा

पुनर्नवा न केवल शरीर के अंगों को स्वस्थ रखने में सहायक है, बल्कि यह नेत्र स्वास्थ्य (Eye Health) के लिए भी अत्यंत लाभकारी औषधि मानी जाती है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग आंखों की जलन, सूजन, थकान और रोशनी की कमजोरी जैसी समस्याओं में किया जाता है।

पुनर्नवा में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आंखों की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और सूजन को कम करते हैं। इसका रस या अर्क आंखों पर लगाने से या डॉक्टर की सलाह से आंखों में डालने से सूजन और जलन से राहत मिलती है।

आधुनिक रिसर्च के अनुसार, पुनर्नवा का नियमित सेवन नेत्रों की रोशनी बनाए रखने में भी सहायक हो सकता है, विशेष रूप से डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी स्थितियों में। जिन लोगों को आंखों में बार-बार लालिमा, खुजली या थकान की समस्या होती है, उनके लिए पुनर्नवा एक प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावशाली समाधान हो सकता है।


8. पाचन में सुधार

पुनर्नवा का सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद पाचनवर्धक गुण (digestive properties) अपच, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी आम समस्याओं में राहत देते हैं। यह जठराग्नि (पाचन अग्नि) को तेज़ करता है, जिससे भोजन अच्छे से पचता है और शरीर को पूरा पोषण मिलता है।

पुनर्नवा लीवर और आंतों को साफ़ रखता है, जिससे टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और मेटाबॉलिज्म सुधरता है। इसका माइल्ड लैक्सेटिव इफेक्ट मल को नरम करता है, जिससे रोज़ाना शौच की प्रक्रिया आसान और नियमित हो जाती है।

जो लोग बार-बार पेट फूलने, भारीपन या गैस की समस्या से परेशान रहते हैं, उनके लिए पुनर्नवा का रस या काढ़ा रामबाण इलाज की तरह काम करता है। इसका सेवन करने से आंतरिक अंगों को भी आराम मिलता है और संपूर्ण पाचन प्रणाली संतुलित बनी रहती है — वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट के।


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पुनर्नवा का उपयोग कैसे करें?

पुनर्नवा का उपयोग करने के कई पारंपरिक और आधुनिक तरीके हैं। आइए जानते हैं कि आप इसे किन-किन रूपों में और कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं:

1. पुनर्नवा का काढ़ा (Decoction):

काढ़ा सबसे पारंपरिक तरीका है। इसकी सूखी जड़ या पत्तियों को पानी में उबालकर तैयार किया जाता है।
कैसे बनाएं:

  • 1 चम्मच सूखी पुनर्नवा जड़ लें।
  • इसे 2 कप पानी में उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए।
  • छानकर दिन में एक बार खाली पेट लें।
    फायदा: किडनी डिटॉक्स, सूजन में राहत, लिवर के लिए फायदेमंद।

2. पुनर्नवा चूर्ण (Powder):

पुनर्नवा का चूर्ण बाज़ार में आसानी से उपलब्ध है।
सेवन विधि:

  • 1/2 चम्मच चूर्ण को गुनगुने पानी या शहद के साथ सुबह-शाम लें।
    फायदा: डायबिटीज, वज़न कम करने और यूरिन संबंधी समस्याओं में लाभ।

3. पुनर्नवा रस (Juice):

पत्तियों या पूरे पौधे का रस निकालकर पिया जाता है।
कैसे लें:

  • 10-15 ml पुनर्नवा का रस रोज सुबह खाली पेट लें।
    फायदा: पाचन सुधारता है, शरीर को ऊर्जा देता है और फैट कम करता है।

4. पुनर्नवा की सब्ज़ी:

इसके कोमल पत्तों को सब्ज़ी की तरह पकाकर खाया जा सकता है।
फायदा: पौष्टिक और डिटॉक्सिफाइंग होता है।

5. पुनर्नवा कैप्सूल या टैबलेट:

यदि आप जड़ी-बूटी का स्वाद नहीं सहन कर पाते तो मार्केट में उपलब्ध पुनर्नवा कैप्सूल/टैबलेट भी एक अच्छा विकल्प है।
डोज़: डॉक्टर की सलाह अनुसार ही लें।

सावधानियाँ:

  • प्रेग्नेंट महिलाएं बिना परामर्श के उपयोग न करें।
  • कोई दवा ले रहे हों तो पहले डॉक्टर से बात करें।
  • ज़्यादा मात्रा में सेवन करने से डिहाइड्रेशन हो सकता है।


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