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फूल टेसू के फायदे और उपयोग | 7 Palash Phool Benefits in Hindi

फूल टेसू के फायदे और उपयोग

फूल टेसू, जिसे पलाश फूल या “ढाक” के नाम से भी जाना जाता है, एक सुंदर और रंग-बिरंगा फूल है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Butea monosperma है। टेसू का पेड़ मध्यम आकार का होता है और इसके फूल चमकीले नारंगी या लाल रंग के होते हैं। इसे “फ्लेम ऑफ द फॉरेस्ट” भी कहा जाता है। यह फूल मुख्य रूप से वसंत ऋतु में खिलता है और होली के रंग बनाने में विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। टेसू के फूल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और आयुर्वेद में इसका विशेष महत्व है। चलिए जानते है फूल टेसू के फायदे और उपयोग


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फूल टेसू क्या है?

टेसू का फूल एक पारंपरिक भारतीय फूल है जो विशेषकर गर्मी के मौसम में खिलता है। इसे पलाश या ढाक भी कहा जाता है और यह मुख्य रूप से जंगलों और ग्रामीण क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके पेड़ का तना मजबूत होता है और पत्ते चौड़े होते हैं। फूलों का रंग चमकीला नारंगी या लाल होता है जो दूर से ही अपनी ओर आकर्षित करता है।

टेसू के फूल का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है। इसे होली के प्राकृतिक रंग बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, जो त्वचा के लिए हानिकारक नहीं होता। इसके अलावा, टेसू के फूलों का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है। ये फूल पित्तशामक, कफनाशक और ज्वरनाशक होते हैं।

टेसू के फूल से निकाला गया रंग शरीर को ठंडक प्रदान करता है और त्वचा संबंधी रोगों में भी लाभदायक होता है। इसकी छाल और पत्तों का उपयोग भी विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है। पलाश का वृक्ष न सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाता है बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर है।


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फूल टेसू के 7 फायदे और उपयोग

  1. प्राकृतिक रंग: होली में टेसू के फूल का रंग त्वचा के लिए सुरक्षित होता है।
  2. ज्वरनाशक: इसके फूलों का काढ़ा बुखार में लाभकारी होता है।
  3. त्वचा रोगों में लाभदायक: टेसू के फूल का लेप त्वचा की जलन और खुजली में राहत देता है।
  4. पाचन सुधार: फूलों का सेवन पाचन शक्ति को मजबूत करता है।
  5. कफ और पित्त नाशक: यह कफ और पित्त को संतुलित करने में मदद करता है।
  6. बालों की देखभाल: टेसू के फूलों से बने तेल का उपयोग बालों की मजबूती के लिए किया जाता है।
  7. एंटीऑक्सीडेंट गुण: टेसू के फूलों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक होते हैं।


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फूल टेसू के नाम विभिन्न भाषाओं में (Names of Phool Tesu in Different Languages)

  1. हिंदी (Hindi): टेसू, पलाश, ढाक (Tesu, Palash, Dhak)
  2. संस्कृत (Sanskrit): किंशुक, पलाश, रक्तपुष्प (Kinshuk, Palash, Raktapushpa)
  3. अंग्रेजी (English): Flame of the Forest, Bastard Teak, Parrot Tree
  4. बंगाली (Bengali): पलाश (Palash)
  5. मराठी (Marathi): पलस, टेसू (Palas, Tesu)
  6. गुजराती (Gujarati): खतंग (Khatang)
  7. पंजाबी (Punjabi): ढाक, टेसू (Dhak, Tesu)
  8. तमिल (Tamil): पलाई मारम (Palai Maram)
  9. तेलुगु (Telugu): मोडकम्म (Modakamma)
  10. कन्नड़ (Kannada): मुत्तुग (Muttuga)
  11. मलयालम (Malayalam): पलाशम (Palasham)
  12. उर्दू (Urdu): ٹیسو، پلش (Tesu, Palash)
  13. ओड़िया (Odia): पलास (Palasa)
  14. नेपाली (Nepali): टेसु (Tesu)
  15. संथाली (Santhali): सरजाम (Sarjam)
  16. राजस्थानी (Rajasthani): केसरिया (Kesariya)
  17. छत्तीसगढ़ी (Chhattisgarhi): पलाश (Palash)
  18. बुंदेलखंडी (Bundelkhandi): टिसू (Tisu)
  19. मागधी (Magahi): ढाक (Dhak)
  20. भोजपुरी (Bhojpuri): टिसू (Tisu)

टेसू का फूल विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से पहचाना जाता है, लेकिन इसकी पहचान और उपयोग लगभग सभी जगह समान हैं। यह भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद में विशेष महत्व रखता है।


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फूल टेसू के फायदे और उपयोग | Palash Phool Benefits


1. प्राकृतिक रंग (Natural Color)

टेसू के फूल को होली के रंग बनाने के लिए उपयोग किया जाता है क्योंकि ये प्राकृतिक और त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं। केमिकल रंगों के विपरीत, टेसू के फूल से बना रंग किसी भी प्रकार की एलर्जी या त्वचा संबंधी समस्या उत्पन्न नहीं करता। ये फूल अपने चमकीले नारंगी या लाल रंग के कारण होली के उत्सव में विशेष रूप से प्रिय होते हैं।

रंग बनाने की विधि:
टेसू के फूलों को रातभर पानी में भिगो दें, जिससे फूल का रंग पानी में अच्छे से घुल जाए। अगली सुबह इस पानी को छानकर रंग के रूप में उपयोग करें। यह रंग त्वचा पर कोमल होता है और बालों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।

फायदा:

  • त्वचा पर किसी भी प्रकार का रिएक्शन नहीं होता।
  • प्राकृतिक तत्वों से बना होने के कारण बालों और शरीर के लिए सुरक्षित होता है।
  • बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी सुरक्षित विकल्प है।
  • रासायनिक रंगों से बचने का सर्वोत्तम उपाय है।

होली के त्योहार पर केमिकल रंगों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए टेसू के फूलों का रंग सबसे बेहतरीन विकल्प है। इसे अपनाकर आप न केवल अपनी त्वचा की देखभाल कर सकते हैं, बल्कि प्रकृति के साथ भी जुड़े रह सकते हैं।


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2. बालों की देखभाल (Hair Care)

टेसू के फूल बालों की देखभाल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन फूलों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो स्कैल्प को संक्रमण से बचाते हैं और बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करते हैं। टेसू के फूलों से बने तेल या काढ़े का उपयोग बालों के झड़ने, डैंड्रफ और बालों की कमजोरी जैसी समस्याओं को दूर करने में अत्यधिक प्रभावी होता है।

उपयोग की विधि:

  • टेसू के फूलों को नारियल तेल में डालकर 15-20 मिनट तक धीमी आंच पर गर्म करें।
  • तेल को ठंडा करके छान लें और स्कैल्प में मालिश करें।
  • रातभर बालों में छोड़ दें और सुबह माइल्ड शैम्पू से धो लें।
  • हफ्ते में दो बार इस तेल का उपयोग करें।

फायदा:

  • बालों को मजबूत और घना बनाता है।
  • डैंड्रफ और खुजली को कम करता है।
  • बालों की जड़ों को पोषण देकर टूटने से रोकता है।
  • स्कैल्प को हाइड्रेट करके सूखापन कम करता है।
  • बालों में प्राकृतिक चमक लाता है।

टेसू के फूलों का तेल नियमित रूप से उपयोग करने से बालों की गुणवत्ता में सुधार होता है और वे घने व मजबूत बनते हैं। रासायनिक उत्पादों के बजाय प्राकृतिक तेल का उपयोग बालों के स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद होता है। टेसू के फूलों का यह तेल विशेष रूप से उन लोगों के लिए उत्तम है जो बालों के झड़ने और डैंड्रफ की समस्या से परेशान हैं।


3. ज्वरनाशक (Fever Reducing)

टेसू के फूल का उपयोग आयुर्वेद में ज्वरनाशक औषधि के रूप में किया जाता है। इसके फूलों में मौजूद औषधीय गुण बुखार को कम करने में सहायक होते हैं। खासकर मौसमी बुखार और वायरल संक्रमण के दौरान टेसू के फूलों का काढ़ा पीने से शरीर में ठंडक का प्रभाव होता है और बुखार धीरे-धीरे कम हो जाता है।

काढ़ा बनाने की विधि:

  • 5-6 टेसू के फूल लें और उन्हें एक कप पानी में डालकर उबालें।
  • इसे 10-15 मिनट तक उबालें ताकि फूलों के सारे औषधीय गुण पानी में आ जाएं।
  • काढ़े को छानकर गुनगुना पीएं।
  • दिन में दो बार इसका सेवन करें।

फायदा:

  • बुखार कम करने में सहायक।
  • शरीर में ठंडक और ताजगी प्रदान करता है।
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
  • सर्दी और जुकाम के कारण होने वाले बुखार में भी प्रभावी।

टेसू के फूलों का काढ़ा प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के बुखार को नियंत्रित करता है। नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।


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4. त्वचा रोगों में लाभदायक (Beneficial in Skin Diseases)

टेसू के फूल त्वचा रोगों के उपचार में अत्यंत लाभदायक होते हैं। इनमें मौजूद एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की समस्याओं जैसे खुजली, दाद, एक्जिमा और फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने में मदद करते हैं। टेसू के फूलों का लेप त्वचा की जलन और संक्रमण को कम करने में सहायक होता है।

लेप बनाने की विधि:

  • 5-6 टेसू के फूल लें और उन्हें पानी में भिगो दें।
  • फूलों को पीसकर पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट में एक चम्मच हल्दी और थोड़ी नीम पत्ती का पेस्ट मिलाएं।
  • प्रभावित त्वचा पर इस लेप को 20-30 मिनट तक लगाकर रखें।
  • सूखने के बाद गुनगुने पानी से धो लें।

फायदा:

  • त्वचा की जलन और खुजली को कम करता है।
  • फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण से बचाव करता है।
  • त्वचा को ठंडक और आराम प्रदान करता है।
  • दाद और एक्जिमा जैसे समस्याओं में विशेष लाभकारी।

टेसू के फूलों का नियमित उपयोग त्वचा को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ और साफ बनाए रखता है। यह एक प्रभावी और सुरक्षित उपाय है जो किसी भी प्रकार के रासायनिक दुष्प्रभाव से मुक्त है।


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5. पाचन सुधार (Improves Digestion)

टेसू के फूल आयुर्वेद में पाचन तंत्र को सुधारने के लिए विशेष रूप से उपयोग किए जाते हैं। इनमें प्राकृतिक रूप से पाचक गुण होते हैं जो पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। टेसू के फूल का सेवन अपच, गैस, पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्याओं में अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

उपयोग की विधि:

  • टेसू के सूखे फूलों का पाउडर बना लें।
  • आधा चम्मच टेसू पाउडर गुनगुने पानी या शहद के साथ सेवन करें।
  • इसे दिन में एक या दो बार लें।
  • इसके अलावा, टेसू के फूलों का काढ़ा भी पाचन को बेहतर बनाने में सहायक होता है।

फायदा:

  • अपच और गैस की समस्या को कम करता है।
  • भूख बढ़ाने में सहायक।
  • कब्ज और पेट दर्द से राहत दिलाता है।
  • आंतों की सफाई और डिटॉक्स में मददगार।
  • पेट में बनने वाली गैस को कम करता है।

टेसू के फूल का नियमित सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और भोजन के बेहतर अवशोषण में मदद करता है। आयुर्वेद में इसे एक शक्तिशाली पाचक औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त है। प्राकृतिक और हानिरहित होने के कारण यह पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।


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6. कफ और पित्त नाशक (Reduces Cough and Balances Pitta)

टेसू के फूल आयुर्वेद में कफ और पित्त दोष को संतुलित करने के लिए विशेष रूप से उपयोग किए जाते हैं। इनके शीतल और सूक्ष्म गुण शरीर में बढ़े हुए कफ और पित्त को कम करने में सहायक होते हैं। अक्सर कफ बढ़ने के कारण गले में बलगम जमा हो जाता है, जिससे खांसी और श्वसन संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। टेसू के फूल इन समस्याओं को प्रभावी ढंग से दूर करते हैं।

उपयोग की विधि:

  • टेसू के सूखे फूलों का पाउडर बना लें।
  • एक चम्मच पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर पीएं।
  • इसे दिन में एक या दो बार सेवन करें।
  • टेसू के फूलों का काढ़ा भी कफ को कम करने में उपयोगी है।

फायदा:

  • कफ के कारण होने वाली खांसी में राहत देता है।
  • गले में जमा बलगम को पतला करके बाहर निकालता है।
  • पित्त दोष को संतुलित कर शरीर को ठंडक प्रदान करता है।
  • श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है।
  • सर्दी-खांसी और गले की खराश में लाभकारी।

टेसू के फूलों का नियमित उपयोग कफ और पित्त दोष को संतुलित रखता है। यह प्राकृतिक उपचार है जो बिना किसी दुष्प्रभाव के शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है। खासकर सर्दी-खांसी के मौसम में इसका सेवन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।


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7. एंटीऑक्सीडेंट गुण (Antioxidant Properties)

टेसू के फूलों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को हानिकारक मुक्त कणों (Free Radicals) से बचाते हैं। ये मुक्त कण शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा करते हैं, जिससे कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और समय से पहले बुढ़ापा, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। टेसू के फूलों में मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और कोशिकाओं की मरम्मत में सहायक होते हैं।

उपयोग की विधि:

  • टेसू के सूखे फूलों का पाउडर तैयार करें।
  • आधा चम्मच पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर पीएं।
  • दिन में एक बार इसका सेवन करें।
  • इसे शहद के साथ मिलाकर भी लिया जा सकता है।

फायदा:

  • शरीर को डिटॉक्स करता है और हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है।
  • त्वचा को युवा और चमकदार बनाए रखने में सहायक।
  • कोशिकाओं की मरम्मत करके शरीर को बुढ़ापे से बचाता है।
  • हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।

टेसू के फूलों का नियमित सेवन शरीर को भीतर से मजबूत बनाता है और कई प्रकार के संक्रमणों से बचाव करता है। यह एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर है जो शरीर के अंदरूनी अंगों को स्वस्थ और सशक्त बनाए रखने में मदद करता है। टेसू के फूलों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं।


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फूल टेसू का उपयोग कैसे करें?

1. रंग बनाने के लिए:

  • टेसू के फूलों को रातभर पानी में भिगो दें।
  • सुबह इस पानी को छानकर होली खेलने के लिए उपयोग करें।
  • यह रंग प्राकृतिक और त्वचा के लिए सुरक्षित होता है।

2. बालों की देखभाल:

  • टेसू के फूलों को नारियल तेल में उबालें।
  • ठंडा होने के बाद इसे बालों में लगाएं।
  • बालों की मजबूती और डैंड्रफ से राहत मिलेगी।

3. औषधीय काढ़ा:

  • 5-6 टेसू के फूल लें और पानी में उबालें।
  • इस काढ़े को दिन में दो बार पिएं, जो बुखार और पाचन संबंधी समस्याओं में फायदेमंद होता है।

4. त्वचा के लिए लेप:

  • टेसू के फूलों को पीसकर पेस्ट बनाएं।
  • इसे खुजली या जलन वाली जगह पर लगाएं।
  • 15-20 मिनट तक रखने के बाद धो लें।

5. शरीर को ठंडक देने के लिए:

  • टेसू के फूलों का रस निकालकर पीने से शरीर में ठंडक रहती है।
  • गर्मी के मौसम में इसका सेवन विशेष रूप से लाभकारी होता है।

6. पाचन तंत्र के लिए:

  • फूलों का पाउडर बनाकर शहद के साथ सेवन करें।
  • इससे पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट की समस्याएं दूर होती हैं।

7. सूजन और दर्द निवारण:

  • फूलों का लेप सूजन और दर्द वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है।


फूल टेसू का प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं, बल्कि इसके औषधीय गुण भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। भारतीय संस्कृति में इसका विशेष स्थान है और आयुर्वेद में इसे कई रोगों के उपचार में उपयोग किया जाता है। चाहे होली के रंग हों या औषधीय काढ़ा, टेसू के फूल का महत्व अनमोल है। इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करें और इसके प्राकृतिक लाभों का आनंद उठाएं।

क्या आपके पास टेसू के फूल से जुड़े कोई प्रश्न हैं? हमें कमेंट में बताएं!

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