बेर पत्थर, जिसे हजरुल यहूद या संग-ए-यहूद के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राकृतिक खनिज है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में गुर्दे की पथरी और मूत्र संबंधी विकारों के उपचार में किया जाता है। यह खनिज मुख्यतः गुर्दे की पथरी को तोड़ने और मूत्र मार्ग से उनके निष्कासन में सहायक माना जाता है। चलिए जानते है बेर पथर के फायदे और उपयोग
बेर पत्थर क्या है?
बेर पत्थर एक प्रकार का जीवाश्म खनिज है जो आयुर्वेद में अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह खनिज विशेष रूप से मूत्र संबंधी विकारों, जैसे गुर्दे की पथरी, मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI), और वृक्क शूल (गुर्दे का दर्द) के उपचार में उपयोगी माना जाता है। बेर पत्थर का उपयोग पारंपरिक रूप से इन विकारों के लक्षणों को कम करने और उपचार में सहायक के रूप में किया जाता है।
बेर पत्थर के फायदे और उपयोग
- गुर्दे की पथरी का उपचार: बेर पत्थर का सबसे प्रमुख उपयोग गुर्दे की पथरी को तोड़ने और उनके निष्कासन में सहायता करना है। यह मूत्र मार्ग से पथरी को बाहर निकालने में मदद करता है।
- मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) में लाभकारी: बेर पत्थर का उपयोग मूत्र मार्ग संक्रमण के लक्षणों को कम करने में किया जाता है, जिससे मूत्र त्याग में होने वाली जलन और दर्द में राहत मिलती है।
- वृक्क शूल (गुर्दे का दर्द) में राहत: यह खनिज गुर्दे में होने वाले तीव्र दर्द, जिसे वृक्क शूल कहते हैं, को कम करने में सहायक होता है।
- मूत्रवर्धक गुण: बेर पत्थर के मूत्रवर्धक गुण मूत्र के प्रवाह को बढ़ाते हैं, जिससे मूत्र प्रणाली की सफाई में मदद मिलती है।
- मूत्र मार्ग की रुकावटों को कम करना: यह मूत्र मार्ग में होने वाली रुकावटों को कम करने में मदद करता है, जिससे मूत्र त्याग में आसानी होती है।
- सूजनरोधी प्रभाव: बेर पत्थर के सूजनरोधी गुण मूत्र प्रणाली में सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
- प्राकृतिक और सुरक्षित उपचार: यह एक प्राकृतिक खनिज है, जिससे इसके उपयोग से होने वाले दुष्प्रभाव कम होते हैं, जब इसे उचित मात्रा में और सही तरीके से उपयोग किया जाता है।
बेर पथर के नाम विभिन्न भाषाओं में | ( Names of Ber Pather in Different Languages )
- संस्कृत: हजरुल यहूद, शिला वज्र
- हिंदी: बेर पत्थर, यहूदी पत्थर
- उर्दू: हजरुल यहूद
- अंग्रेजी: Jew’s Stone, Ber Stone
- अरबी: हजरुल यहूद
- तमिल: Yahudi Kallu
- तेलुगु: Yahudi Rallu
- मराठी: बेर खडक
- गुजराती: બેર પથર (Ber Pathar)
बेर पथर के फायदे और उपयोग | 7 Benefits of Ber pather in Hindi
1. गुर्दे की पथरी का उपचार
बेर पत्थर का सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय उपयोग गुर्दे की पथरी के उपचार में किया जाता है। यह एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक (diuretic) पदार्थ है, जो गुर्दे में जमी हुई पथरी को धीरे-धीरे घोलने और उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से पथरी मूत्र मार्ग से बाहर निकलने में सक्षम हो जाती है, जिससे व्यक्ति को असहनीय दर्द से राहत मिलती है। आयुर्वेद के अनुसार, बेर पत्थर मूत्राशय और गुर्दों की सफाई करने में सहायक होता है, जिससे पथरी बनने की संभावना भी कम हो जाती है। यह मूत्र प्रवाह को सुचारू करता है और मूत्राशय में संक्रमण की संभावना को भी कम करता है। इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति को बार-बार गुर्दे की पथरी की समस्या होती है, तो बेर पत्थर के नियमित उपयोग से इस समस्या को दोबारा होने से रोका जा सकता है।
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2. मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) में लाभकारी
बेर पत्थर मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) के उपचार में एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती है। यह संक्रमण आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण होता है, जिससे पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना, दर्द और असहजता जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। बेर पत्थर के मूत्रवर्धक (diuretic) गुण शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। इसके साथ ही, यह मूत्र मार्ग की सूजन को कम करने और जलन से राहत देने में सहायक होता है। आयुर्वेद में इसे मूत्र प्रणाली को शुद्ध करने वाली औषधि के रूप में भी जाना जाता है, जो गुर्दे और मूत्राशय को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होती है। नियमित रूप से बेर पत्थर का सेवन करने से मूत्र मार्ग की सफाई होती है और भविष्य में UTI होने की संभावना भी कम हो जाती है।
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3. वृक्क शूल (गुर्दे के दर्द) में राहत
वृक्क शूल, जिसे गुर्दे का दर्द भी कहा जाता है, आमतौर पर गुर्दे की पथरी या मूत्र मार्ग में किसी रुकावट के कारण होता है। यह दर्द अत्यधिक तीव्र हो सकता है और कमर, पेट या जांघों तक फैल सकता है। बेर पत्थर एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती है, जो इस दर्द को कम करने में सहायक होती है। इसके प्राकृतिक सूजनरोधी (anti-inflammatory) गुण गुर्दे की सूजन को कम करके दर्द से राहत दिलाते हैं। साथ ही, इसका मूत्रवर्धक (diuretic) प्रभाव मूत्र प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे किसी भी रुकावट को दूर करने में मदद मिलती है। बेर पत्थर पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में सहायता करता है, जिससे दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है। नियमित रूप से इसका उपयोग करने से न केवल दर्द में राहत मिलती है, बल्कि भविष्य में होने वाली समस्याओं से भी बचाव किया जा सकता है।
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4. मूत्रवर्धक गुण (Diuretic Effect)
बेर पत्थर अपने प्राकृतिक मूत्रवर्धक (Diuretic) गुणों के लिए जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर में मूत्र के उत्पादन और निष्कासन को बढ़ाने में मदद करता है। मूत्रवर्धक तत्व शरीर से अतिरिक्त पानी, टॉक्सिन्स (विषैले पदार्थ) और खनिजों को बाहर निकालने में सहायक होते हैं, जिससे गुर्दे और मूत्र प्रणाली स्वस्थ बनी रहती है। यदि किसी व्यक्ति को मूत्र रुकावट, पेशाब कम आना या जलन जैसी समस्याएँ हो रही हैं, तो बेर पत्थर का सेवन करने से मूत्र प्रवाह में सुधार होता है और मूत्राशय में जमा अवांछित तत्व बाहर निकल जाते हैं।
यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो बार-बार मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) या गुर्दे की पथरी से पीड़ित रहते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर में जल संतुलन बना रहता है और मूत्र प्रणाली से संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
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5. मूत्र मार्ग की रुकावटों को कम करना
मूत्र मार्ग में रुकावट होने पर पेशाब करने में कठिनाई, दर्द और जलन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। यह समस्या आमतौर पर गुर्दे की पथरी, संक्रमण, सूजन या मूत्र मार्ग में जमा विषाक्त पदार्थों के कारण होती है। बेर पत्थर एक प्राकृतिक औषधि के रूप में इन रुकावटों को दूर करने में सहायक होता है। इसके मूत्रवर्धक (Diuretic) गुण मूत्र प्रवाह को सुचारू बनाते हैं और पेशाब में आने वाली रुकावटों को कम करने में मदद करते हैं।
बेर पत्थर गुर्दे और मूत्राशय की सफाई करता है, जिससे मूत्र मार्ग में मौजूद अवरोध धीरे-धीरे कम हो जाते हैं। यह पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने में भी सहायक होता है, जिससे वे आसानी से मूत्र के माध्यम से बाहर निकल सकें। नियमित रूप से इसका सेवन करने से मूत्र मार्ग की समस्याओं से राहत मिलती है और पेशाब करने में किसी भी प्रकार की रुकावट दूर होती है।
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6. सूजनरोधी प्रभाव (Anti-Inflammatory Effect)
बेर पत्थर अपने प्राकृतिक सूजनरोधी (anti-inflammatory) गुणों के कारण मूत्र प्रणाली से जुड़ी समस्याओं में अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI), गुर्दे की पथरी या मूत्र मार्ग में किसी भी प्रकार की रुकावट के कारण वहां सूजन हो सकती है, जिससे पेशाब करने में जलन, दर्द और असहजता महसूस होती है। बेर पत्थर इस सूजन को कम करने में सहायक होता है और मूत्र प्रणाली को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
इसके नियमित सेवन से गुर्दे और मूत्राशय में होने वाली सूजन धीरे-धीरे कम होने लगती है, जिससे पेशाब करने में आसानी होती है और मूत्र मार्ग संक्रमण जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। इसके अलावा, यह मूत्र प्रणाली के ऊतकों (tissues) को भी मजबूत करता है और उन्हें संक्रमण से बचाने में सहायक होता है। आयुर्वेद में इसे मूत्र संबंधी विकारों का प्राकृतिक उपचार माना गया है।
बेर पत्थर का उपयोग कैसे करें
बेर पत्थर का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में विभिन्न रूपों में किया जाता है, जिसमें पाउडर, भस्म, और काढ़ा शामिल हैं। उपयोग की विधि और मात्रा व्यक्ति की स्थिति, आयु, और चिकित्सकीय आवश्यकताओं के आधार पर भिन्न हो सकती है। नीचे कुछ सामान्य उपयोग विधियाँ दी गई हैं:
- बेर पत्थर पाउडर का सेवन:
- मात्रा: आमतौर पर 1 से 3 ग्राम बेर पत्थर पाउडर का सेवन दिन में दो बार किया जाता है।1mg
- सेवन विधि: पाउडर को शहद या गुनगुने पानी के साथ मिलाकर सेवन करें।
- समय: भोजन के बाद इसका सेवन करना अधिक प्रभावी माना जाता है।
- बेर पत्थर भस्म का उपयोग:
- मात्रा: 1 ग्राम भस्म का सेवन दिन में दो बार किया जा सकता है।
- सेवन विधि: भस्म को शहद या गुनगुने पानी के साथ मिलाकर लें।
- काढ़ा (डेकोक्शन) तैयार करना:
- सामग्री: 5 ग्राम बेर पत्थर पाउडर, 200 मिलीलीटर पानी।
- विधि: पाउडर को पानी में मिलाकर धीमी आंच पर तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए। फिर इसे छानकर गुनगुना सेवन करें।
- मात्रा: दिन में दो बार 100 मिलीलीटर काढ़ा पिएं।
सावधानियाँ:
- चिकित्सकीय परामर्श: बेर पत्थर का उपयोग करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें, ताकि आपकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सही मात्रा और उपयोग विधि निर्धारित की जा सके।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ: इन अवस्थाओं में बेर पत्थर का उपयोग चिकित्सकीय सलाह के बिना न करें।
- बच्चों में उपयोग: बच्चों में इसका उपयोग विशेष सावधानी और चिकित्सकीय निगरानी में ही करें।
- दुष्प्रभाव: हालांकि बेर पत्थर एक प्राकृतिक खनिज है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में असुविधा, मतली, या अन्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यदि कोई असुविधा महसूस हो तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।