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बहेड़ा के फायदे व् उपयोग | Baheda Benefits in hindi

बहेड़ा के फायदे व् उपयोग | Baheda Benefits in hindi

बहेड़ा (Terminalia bellirica) एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे वृहद हर्र भी कहा जाता है। यह एक बड़े वृक्ष का फल होता है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से औषधियों और हर्बल उपचारों में किया जाता है। बहेड़ा का पेड़ भारत, श्रीलंका, और दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों में पाया जाता है। इसके फल का बाहरी भाग कठोर और अंदर का भाग औषधीय गुणों से भरपूर होता है। बहेड़ा त्रिफला का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो पाचन को सुधारने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए प्रसिद्ध है। [ बहेड़ा के फायदे व् उपयोग ]


बहेड़ा क्या है?

बहेड़ा (Terminalia bellirica), जिसे भारतीय आयुर्वेद में ‘विभीतकी’ के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। यह मध्यम आकार का वृक्ष होता है, जो भारत के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में पाया जाता है। बहेड़ा का पेड़ लगभग 20-30 मीटर ऊंचाई तक बढ़ सकता है, और इसके फल छोटे, गोलाकार और कठोर होते हैं। बहेड़ा के फलों का उपयोग प्राचीन समय से ही औषधियों के रूप में किया जाता रहा है।

आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में बहेड़ा का प्रयोग त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) संतुलित करने में होता है। यह विशेष रूप से त्रिफला चूर्ण में महत्वपूर्ण घटक के रूप में शामिल होता है, जो शरीर को पाचन संबंधी समस्याओं से बचाने में मदद करता है। बहेड़ा में पाए जाने वाले तत्व जैसे टैनिक एसिड, बीटा-सिटोस्टेरॉल, और गैलिक एसिड इसके औषधीय गुणों के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, और त्वचा व बालों के लिए भी उपयोगी होता है।

इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और यह संजीवनी के रूप में कार्य करता है। इसका नियमित उपयोग शरीर को संतुलित और स्वस्थ बनाए रखने में सहायक सिद्ध होता है।


बहेड़ा के 7 फायदे व उपयोग

  1. पाचन सुधार: बहेड़ा के सेवन से पाचन शक्ति बढ़ती है, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
  2. रोग प्रतिरोधक क्षमता: इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।
  3. बालों और त्वचा के लिए: बहेड़ा का प्रयोग बालों को मजबूत और काले बनाए रखने में सहायक होता है और त्वचा को स्वस्थ रखता है।
  4. वजन घटाना: बहेड़ा शरीर से अतिरिक्त वसा को घटाने में मदद करता है, जिससे वजन नियंत्रित रहता है।
  5. दृष्टि सुधार: बहेड़ा आँखों के लिए लाभकारी होता है, यह आँखों की रौशनी बढ़ाने में मदद करता है।
  6. श्वसन तंत्र के लिए: यह श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे खांसी, अस्थमा आदि में लाभकारी होता है।
  7. हृदय स्वास्थ्य: बहेड़ा के सेवन से हृदय स्वस्थ रहता है, यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है।


बहेड़ा के विभिन्न भारतीय भाषाओं में नाम | Names of Baheda in different Indian languages

बहेड़ा (Terminalia bellirica) का भारत की विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नाम है। यहाँ कुछ प्रमुख भारतीय भाषाओं में बहेड़ा के नाम दिए गए हैं:

  1. संस्कृत: विभीतक (Vibhitaka), अक्ष, कणिक
  2. हिंदी: बहेड़ा (Baheda)
  3. अंग्रेज़ी: Belleric Myrobalan
  4. मराठी: बेहडा (Behda)
  5. गुजराती: बेहड़ा (Behda)
  6. पंजाबी: बहेरा (Baheda)
  7. बंगाली: बहेरा (Bahera)
  8. तमिल: தாணிகாய் (Thanikkai)
  9. तेलुगु: తాని కాయ (Tani Kaya)
  10. कन्नड़: ತಾಳಿ (Tale)
  11. मलयालम: താണിക്കായ് (Thanikka)
  12. उड़िया: Bahada (ବହଡ଼)
  13. असमिया: বেহেরা (Behara)

यह विभिन्न भाषाओं में बहेड़ा के कुछ नाम हैं। भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है और इसके औषधीय गुणों के कारण यह पूरे देश में प्रचलित है।


बहेड़ा के फायदे व उपयोग | Baheda Benefits in hindi


1. पाचन सुधार ( बहेड़ा के फायदे व् उपयोग )

बहेड़ा पाचन तंत्र के लिए अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से पाचन क्रिया में सुधार होता है और विभिन्न पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है। बहेड़ा में प्राकृतिक रेचक गुण (laxative properties) पाए जाते हैं, जो आंतों की सफाई में मदद करते हैं और मल त्याग को सुगम बनाते हैं। इसका नियमित सेवन कब्ज (constipation) से राहत दिलाने में सहायक होता है।

इसके अलावा, बहेड़ा के सेवन से आंतों की मांसपेशियों की सक्रियता बढ़ती है, जिससे अपच, पेट फूलना, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं में सुधार होता है। बहेड़ा पाचक रसों (digestive juices) के उत्पादन को भी उत्तेजित करता है, जिससे भोजन का बेहतर पाचन होता है। यह यकृत (liver) के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी सहायक है और विषैले पदार्थों (toxins) को शरीर से बाहर निकालता है।

बहेड़ा त्रिफला का महत्वपूर्ण घटक है, जो पाचन क्रिया को संतुलित और सुधारने में मदद करता है। त्रिफला चूर्ण का सेवन शरीर में वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करता है, जिससे संपूर्ण पाचन प्रणाली में संतुलन और स्वास्थ्य बना रहता है। नियमित रूप से बहेड़ा के उपयोग से पाचन तंत्र की कार्यक्षमता में दीर्घकालिक सुधार होता है।


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2. रोग प्रतिरोधक क्षमता ( बहेड़ा के फायदे व् उपयोग )

बहेड़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाने में अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाते हैं। बहेड़ा शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक होता है, जिससे बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक तत्वों के खिलाफ लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

इसके अलावा, बहेड़ा में मौजूद तत्व जैसे टैनिक एसिड और गैलिक एसिड शरीर से विषाक्त पदार्थों (toxins) को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे शरीर को प्राकृतिक रूप से शुद्ध किया जाता है। इसके नियमित सेवन से मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, बुखार और संक्रमणों से बचाव होता है।

आयुर्वेद में बहेड़ा को रसायन (tonic) के रूप में माना गया है, जो शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के साथ-साथ रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है। इसके उपयोग से शरीर दीर्घकालिक रूप से स्वस्थ और मजबूत बना रहता है।


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3. बालों और त्वचा के लिए ( बहेड़ा के फायदे व् उपयोग )

बहेड़ा बालों और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है। इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण बालों को पोषण देने और उन्हें मजबूत बनाने में मदद करते हैं। बहेड़ा का नियमित उपयोग बालों को झड़ने से रोकता है और उनकी जड़ों को मजबूत बनाता है। बहेड़ा का तेल बालों में लगाने से बाल काले, घने और चमकदार होते हैं। यह स्कैल्प के संक्रमण, डैंड्रफ, और खुजली जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है।

त्वचा के लिए बहेड़ा का उपयोग भी विशेष रूप से लाभकारी है। बहेड़ा त्वचा को अंदर से पोषण देता है और उसे स्वस्थ, मुलायम और निखरी बनाए रखता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की जलन और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। बहेड़ा का चूर्ण या पेस्ट चेहरे पर लगाने से मुंहासे, दाग-धब्बे और झाइयों को दूर करने में मदद मिलती है, जिससे त्वचा साफ और चमकदार दिखाई देती है।


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4. वजन घटाना ( बहेड़ा के फायदे व् उपयोग )

बहेड़ा वजन घटाने में एक प्रभावी औषधि के रूप में जाना जाता है। इसमें मौजूद तत्व शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं, जिससे वसा (fat) का तेजी से अपघटन (breakdown) होता है। बहेड़ा का नियमित सेवन शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है और वजन नियंत्रित रखने में सहायक होता है। यह पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाता है, जिससे भोजन का बेहतर पाचन और अवशोषण होता है, जिससे अनावश्यक वसा जमा नहीं होती।

बहेड़ा में प्राकृतिक रेचक गुण (laxative properties) होते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों (toxins) और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे शरीर में सूजन और वजन कम होता है। बहेड़ा का सेवन करने से भूख पर नियंत्रण भी पाया जा सकता है, जिससे अधिक खाने की आदत में सुधार होता है। इसके चूर्ण को गुनगुने पानी या शहद के साथ मिलाकर लेने से वजन घटाने की प्रक्रिया और भी प्रभावी हो जाती है।


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5. दृष्टि सुधार ( बहेड़ा के फायदे व् उपयोग )

बहेड़ा आँखों के स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है और इसे आयुर्वेद में दृष्टि सुधारने वाली औषधि के रूप में जाना जाता है। इसमें मौजूद विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट गुण आँखों को पोषण प्रदान करते हैं और उनकी कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं। बहेड़ा आँखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे आँखों की थकान और जलन जैसी समस्याएं कम होती हैं।

त्रिफला चूर्ण, जिसमें बहेड़ा एक महत्वपूर्ण घटक है, का नियमित सेवन आँखों की रौशनी बढ़ाने में मदद करता है। यह आँखों के सूखेपन, जलन, और लाली जैसी समस्याओं में राहत प्रदान करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण आँखों को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं, जिससे आँखों के विकारों जैसे मोतियाबिंद और ग्लूकोमा का खतरा कम होता है।

बहेड़ा का सेवन या इसे त्रिफला के रूप में उपयोग करना, आँखों की रौशनी को दीर्घकालिक रूप से बनाए रखने और आँखों को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।


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6. श्वसन तंत्र के लिए ( बहेड़ा के फायदे व् उपयोग )

बहेड़ा श्वसन तंत्र के लिए अत्यधिक लाभकारी है और इसका उपयोग आयुर्वेद में श्वसन संबंधी समस्याओं के उपचार में किया जाता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण श्वसन तंत्र की सूजन और संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं, जिससे खांसी, जुकाम, ब्रोंकाइटिस, और अस्थमा जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। बहेड़ा का काढ़ा फेफड़ों को साफ करता है और बलगम को पतला करके उसे बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे वायुमार्ग खुल जाते हैं और सांस लेना आसान हो जाता है।

बहेड़ा के नियमित सेवन से श्वसन तंत्र की कार्यक्षमता बेहतर होती है और श्वसन संक्रमणों का खतरा कम होता है। इसका उपयोग विशेष रूप से सर्दियों में श्वसन तंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए किया जाता है। बहेड़ा का चूर्ण या काढ़ा, शहद के साथ मिलाकर लेने से खांसी और गले की खराश में तुरंत राहत मिलती है। इसके उपयोग से फेफड़ों की सफाई होती है और श्वसन तंत्र स्वस्थ रहता है।


7. हृदय स्वास्थ्य ( बहेड़ा के फायदे व् उपयोग )

बहेड़ा हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय की धमनियों में जमा होने वाले फ्री रेडिकल्स और कोलेस्ट्रॉल के हानिकारक प्रभावों को कम करते हैं, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है। बहेड़ा का सेवन रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को नियंत्रित करने में सहायक होता है, क्योंकि यह धमनियों को लचीला बनाए रखता है और रक्त संचार को सुचारू करता है।

बहेड़ा में पाए जाने वाले तत्व रक्त को पतला करते हैं, जिससे हृदय पर पड़ने वाला तनाव कम होता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का जोखिम घटता है। इसका नियमित सेवन रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को नियंत्रित रखता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

बहेड़ा का उपयोग न केवल हृदय को मजबूत बनाता है, बल्कि रक्त संचार को भी बेहतर करता है, जिससे पूरे शरीर को लाभ होता है और हृदय स्वस्थ रहता है।


बहेड़ा का इस्तेमाल कैसे करें?

बहेड़ा का इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में विभिन्न रूपों में किया जाता है। यह पाउडर, चूर्ण, काढ़ा या तेल के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके औषधीय गुणों को ध्यान में रखते हुए, इसे विभिन्न रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोग किया जाता है। नीचे कुछ प्रमुख तरीकों का वर्णन है, जिनसे बहेड़ा का उपयोग किया जा सकता है:

  1. पाउडर (चूर्ण) के रूप में: बहेड़ा का पाउडर बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है। इसे आंवला और हरड़ के साथ मिलाकर त्रिफला चूर्ण तैयार किया जाता है। त्रिफला चूर्ण पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। 5-10 ग्राम बहेड़ा पाउडर को पानी या शहद के साथ दिन में दो बार लेना पाचन सुधारता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
  2. काढ़ा: बहेड़ा का काढ़ा श्वसन संबंधी समस्याओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे बनाने के लिए 2-3 बहेड़ा फल को पानी में उबालें और इसका सेवन करें। यह खांसी, सर्दी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में राहत दिलाता है। बहेड़ा का काढ़ा प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
  3. तेल के रूप में: बहेड़ा का तेल बालों के लिए फायदेमंद होता है। इसे नारियल या तिल के तेल के साथ मिलाकर बालों में लगाया जा सकता है। यह बालों की जड़ों को मजबूत करता है, बालों का झड़ना रोकता है और उन्हें घना और काला बनाता है। बालों में नियमित रूप से बहेड़ा तेल का उपयोग करने से बालों की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  4. दूध के साथ: बहेड़ा के चूर्ण को दूध में मिलाकर लेने से त्वचा पर निखार आता है। यह त्वचा को अंदर से पोषण प्रदान करता है और मुंहासों, दाग-धब्बों से राहत दिलाता है। इसे दूध में मिलाकर रात में सोने से पहले लिया जा सकता है।
  5. वजन घटाने में: वजन कम करने के लिए बहेड़ा का पाउडर शहद और गुनगुने पानी के साथ लिया जाता है। यह शरीर में वसा के जमाव को रोकता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
  6. आंखों के लिए: बहेड़ा के पाउडर का नियमित सेवन आँखों की रौशनी को बढ़ाता है। त्रिफला चूर्ण में बहेड़ा की उपस्थिति आँखों के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से लाभकारी होती है।

इन उपायों का नियमित और संतुलित उपयोग शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त बनाए रखने में सहायक सिद्ध होता है।



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