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शंखपुष्पी के फायदे और उपयोग | 7 Shankhpuspi Benefits in hindi

शंखपुष्पी के फायदे और उपयोग | 7 Shankhpuspi Benefits in hindi

शंखपुष्पी एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है, जो मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में उपयोगी मानी जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम Convolvulus pluricaulis है और यह भारत में विशेष रूप से गर्म जलवायु में पाई जाती है। शंख के आकार के फूलों के कारण इसे “शंखपुष्पी” कहा जाता है। यह दिमाग की शक्ति बढ़ाने, तनाव कम करने और याददाश्त सुधारने के लिए सदियों से आयुर्वेद में इस्तेमाल होती आ रही है। यह प्राकृतिक टॉनिक की तरह कार्य करती है और बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक के लिए लाभकारी मानी जाती है। तो चलिए जानते है शंखपुष्पी के फायदे और उपयोग


शंखपुष्पी क्या है?

शंखपुष्पी एक औषधीय वनस्पति है, जो आयुर्वेद में मस्तिष्क संबंधी विकारों के इलाज में उपयोग होती है। यह मुख्य रूप से एक nootropic यानि मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी मानी जाती है। इसके फूल छोटे, नीले या बैंगनी रंग के होते हैं और पत्तियां पतली व छोटी होती हैं। शंखपुष्पी को आयुर्वेद में “मेध्या रसायन” कहा जाता है, यानी ऐसा रसायन जो बुद्धि, स्मृति और एकाग्रता को बेहतर बनाता है।

शंखपुष्पी के इस्तेमाल से मानसिक थकान, चिड़चिड़ापन, नींद की कमी, और एकाग्रता की कमी जैसे लक्षणों में सुधार होता है। यह नर्वस सिस्टम को शांत करती है, जिससे तनाव और एंग्जायटी में राहत मिलती है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे अन्य हर्ब्स जैसे ब्राह्मी और मंडूकपर्णी के साथ मिलाकर उपयोग करने की सलाह दी गई है ताकि इसका असर और भी प्रभावशाली हो।

आजकल शंखपुष्पी सिरप, चूर्ण, कैप्सूल और आयुर्वेदिक टॉनिक के रूप में बाजार में उपलब्ध है, जो बच्चों और बड़ों दोनों के लिए सुरक्षित मानी जाती है।



शंखपुष्पी के 8 फायदे और उपयोग

  1. स्मृति शक्ति बढ़ाए:
    शंखपुष्पी दिमाग की कोशिकाओं को पोषण देती है और मेमोरी पावर को बढ़ाती है। छात्रों और ऑफिस में काम करने वालों के लिए ये अत्यंत उपयोगी है।
  2. तनाव और चिंता में राहत:
    यह एक प्राकृतिक एंटी-एंग्जायटी औषधि है जो मानसिक शांति प्रदान करती है।
  3. नींद की समस्या में मददगार:
    अनिद्रा से परेशान लोगों के लिए शंखपुष्पी टॉनिक लाभदायक होता है।
  4. मूड सुधारने में सहायक:
    डिप्रेशन और लो मूड में इसे नियमित लेने से मूड बेहतर होता है।
  5. बच्चों के मानसिक विकास में सहायक:
    यह बच्चों के ब्रेन डेवेलपमेंट के लिए फायदेमंद है और उनकी एकाग्रता को सुधारती है।
  6. पाचन शक्ति में सुधार:
    शंखपुष्पी लीवर की कार्यक्षमता को सुधारती है और भूख बढ़ाने में मदद करती है।
  7. माइग्रेन और सिरदर्द में राहत:
    नियमित सेवन से माइग्रेन और बार-बार होने वाले सिरदर्द में राहत मिलती है।
  8. त्वचा के लिए लाभकारी:
    शंखपुष्पी का सेवन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे त्वचा साफ रहती है।


शंखपुष्पी के नाम विभिन्न भाषाओं में | ( Names of Shankhpuspi in Different Languages )

भाषा / Languageनाम / Name
संस्कृत (Sanskrit)शंखपुष्पी, मेध्या, कपोतवृन्ता
हिंदी (Hindi)शंखपुष्पी
अंग्रेज़ी (English)Shankhpushpi, Convolvulus Prostratus
उर्दू (Urdu)شَںک پُشپی
गुजराती (Gujarati)શંખપુષ્પી
मराठी (Marathi)शंखपुष्पी
तमिल (Tamil)சங்குபுஷ்பி (Sangupushpi)
तेलुगु (Telugu)శంఖపుష్పి (Shankhapushpi)
कन्नड़ (Kannada)ಶಂಖಪುಷ್ಪಿ (Shankhpushpi)
बंगाली (Bengali)শঙ্খপুষ্পী (Shôṅkhpushpi)
मलयालम (Malayalam)ശംഖപുഷ്പി (Shankhapushpi)
पंजाबी (Punjabi)ਸ਼ੰਖਪੁਸ਼ਪੀ
ओड़िया (Odia)ଶଂଖପୁଷ୍ପୀ (Shankhapushpi)

शंखपुष्पी के फायदे और उपयोग | 7 Shankhpuspi Benefits in hindi


1. स्मृति शक्ति बढ़ाए (Memory Booster)

शंखपुष्पी को आयुर्वेद में “मेधावर्धक” यानी बुद्धि और स्मृति शक्ति बढ़ाने वाली औषधि माना गया है। यह मस्तिष्क की नसों को पोषण देती है और न्यूरॉन कनेक्टिविटी को सुधारती है, जिससे याददाश्त बेहतर होती है। आज के समय में बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक, सभी को एकाग्रता की कमी, चीजें भूल जाना, या पढ़ा हुआ याद न रहना जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में शंखपुष्पी एक प्राकृतिक उपाय के रूप में बेहद कारगर है।

विशेष रूप से छात्रों के लिए यह बेहद फायदेमंद मानी जाती है। परीक्षा के समय मानसिक तनाव को कम कर यह दिमाग को शांत रखती है और स्मरण शक्ति को सक्रिय बनाए रखती है। नियमित सेवन से ब्रेन फंक्शन में सुधार होता है और लॉन्ग-टर्म मेमोरी मजबूत बनती है। इसे ब्राह्मी के साथ लेने से यह असर और भी बढ़ जाता है। यह किसी के लिए भी एक बूस्टर की तरह काम करती है जो मानसिक रूप से सक्रिय रहना चाहता है।


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2. तनाव और चिंता में राहत (Relieves Stress & Anxiety)

शंखपुष्पी एक प्राकृतिक adaptogen है, यानी ऐसा पदार्थ जो शरीर को तनाव के साथ बेहतर ढंग से निपटने में मदद करता है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक तनाव, चिंता और बेचैनी आम हो गए हैं। शंखपुष्पी का सेवन नर्वस सिस्टम को शांत करता है, जिससे मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हैप्पी हार्मोन संतुलित होते हैं। इससे व्यक्ति को शांति और सुकून का अनुभव होता है।

यह मानसिक थकान को दूर करता है, चिड़चिड़ापन कम करता है और मन को स्थिर बनाता है। ऑफिस वर्कर्स, स्टूडेंट्स और गृहणियों – सभी के लिए यह उपयोगी है जो दिनभर मानसिक दबाव में रहते हैं। नियमित सेवन से नकारात्मक विचारों में कमी आती है और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है। शंखपुष्पी सिरप या कैप्सूल को सुबह-शाम लेने से दिनभर मन शांत और तनावमुक्त रहता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य में स्पष्ट सुधार होता है।


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3. नींद की समस्या में मददगार (Improves Sleep Quality)

शंखपुष्पी अनिद्रा (Insomnia) या नींद की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक समाधान है। यह मस्तिष्क को शांत करती है और नसों की उत्तेजना को नियंत्रित करती है, जिससे व्यक्ति को गहरी और आरामदायक नींद आती है। आजकल नींद न आना, रात को बार-बार उठना, या नींद पूरी न होने की समस्या बहुत आम हो गई है – खासकर युवाओं और ऑफिस वर्कर्स में। इसका कारण है तनाव, चिंता और डिजिटल डिस्ट्रैक्शन।

शंखपुष्पी इन मानसिक कारणों को जड़ से ठीक करने में सहायक होती है। यह शरीर को रिलैक्स करती है और एक शांतिपूर्ण मानसिक स्थिति बनाती है जिससे व्यक्ति जल्दी सो पाता है और नींद की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। यदि आप रोज़ाना सोने से पहले शंखपुष्पी सिरप या चूर्ण दूध के साथ लें, तो यह नींद लाने में अत्यधिक मददगार सिद्ध होता है। इससे अगला दिन भी तरोताजा और ऊर्जावान महसूस होता है।


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4. मूड सुधारने में सहायक (Enhances Mood Naturally)

शंखपुष्पी का सेवन न सिर्फ मानसिक शांति देता है, बल्कि यह मूड को बेहतर करने में भी मदद करता है। जब हम तनाव, चिंता या मानसिक थकावट से गुजरते हैं, तो हमारा मूड चिड़चिड़ा, उदास या अनमना हो जाता है। शंखपुष्पी ऐसे समय में दिमाग को शांत करती है और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। यह ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर जैसे डोपामाइन और सेरोटोनिन को संतुलित करती है, जो सीधे तौर पर हमारे मूड को प्रभावित करते हैं।

यह खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी है जो अक्सर लो-फील करते हैं, या जिनमें अवसाद (डिप्रेशन) के लक्षण दिखते हैं। शंखपुष्पी का नियमित सेवन सकारात्मक सोच को प्रोत्साहित करता है, मानसिक थकावट दूर करता है और व्यक्ति को प्रसन्नचित बनाता है। इसके असर से धीरे-धीरे मन में स्थिरता आती है और मनोबल भी मजबूत होता है। इसे एक प्राकृतिक mood uplifter के रूप में देखा जा सकता है।


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5. बच्चों के मानसिक विकास में सहायक (Supports Mental Development in Children)

शंखपुष्पी बच्चों के मस्तिष्क के संपूर्ण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आज के दौर में बच्चे पढ़ाई, प्रतियोगिता और स्क्रीन टाइम के चलते मानसिक दबाव में रहते हैं, जिससे उनकी एकाग्रता, स्मरण शक्ति और समझने की क्षमता प्रभावित होती है। शंखपुष्पी एक प्राकृतिक ब्रेन टॉनिक है जो बच्चों के ब्रेन फंक्शन को सक्रिय करता है और न्यूरल नेटवर्क को मजबूत बनाता है।

यह स्मृति शक्ति को बढ़ाने, एकाग्रता सुधारने और सीखने की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करती है। खास बात यह है कि यह पूरी तरह सुरक्षित और नेचुरल है, बिना किसी साइड इफेक्ट के। 5 साल से ऊपर के बच्चों को शंखपुष्पी सिरप या चूर्ण डॉक्टर की सलाह अनुसार दिया जा सकता है। नियमित सेवन से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है, वे पढ़ाई में रुचि लेने लगते हैं और मानसिक रूप से अधिक स्थिर महसूस करते हैं।


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6. पाचन शक्ति में सुधार (Improves Digestion)

हालांकि शंखपुष्पी को आमतौर पर मानसिक स्वास्थ्य के लिए जाना जाता है, लेकिन यह पाचन तंत्र को भी मजबूत करने में मदद करती है। आयुर्वेद के अनुसार, शंखपुष्पी में ऐसे गुण होते हैं जो पेट की आँच (जठराग्नि) को संतुलित करते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। यह लीवर को सक्रिय करता है, जिससे पाचन रसों का सही स्राव होता है और भोजन अच्छी तरह पचता है।

शंखपुष्पी कब्ज, अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक है। जिन लोगों को भूख नहीं लगती या खाने के बाद भारीपन महसूस होता है, उनके लिए शंखपुष्पी एक अच्छा विकल्प है। इसे गर्म पानी या शहद के साथ लेने से पेट साफ रहता है और शरीर में हल्कापन महसूस होता है। बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए यह सुरक्षित है और इसके कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते।


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7. माइग्रेन और सिरदर्द में राहत (Relieves Migraine & Headache)

शंखपुष्पी एक प्राकृतिक मस्तिष्क शांतिकारक औषधि है, जो माइग्रेन और बार-बार होने वाले सिरदर्द में विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है। माइग्रेन के दौरान मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में असंतुलन आ जाता है, जिससे तेज़ धड़कन वाला सिरदर्द, मतली और चक्कर जैसी समस्याएं होती हैं। शंखपुष्पी इस असंतुलन को ठीक कर दिमाग की नसों को शांत करती है।

इसके नियमित सेवन से सिर में रक्त प्रवाह संतुलित रहता है, जिससे माइग्रेन का असर कम होता है और इसकी आवृत्ति भी घटती है। यह मानसिक तनाव को कम कर सिरदर्द की मूल वजह को जड़ से ठीक करने में मदद करती है। अगर आप माइग्रेन की दवाओं से थक चुके हैं, तो शंखपुष्पी एक नेचुरल और साइड इफेक्ट फ्री विकल्प हो सकता है। इसे दूध या जल के साथ लेना फायदेमंद होता है, विशेषकर रात के समय जब माइग्रेन ज़्यादा उभरता है।


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शंखपुष्पी का उपयोग कैसे करें

1.काढ़ा (डेकोक्शन):

  • 1-2 ग्राम शंखपुष्पी जड़ी को पानी में उबालकर इसका काढ़ा बनाया जा सकता है।
  • यह पाचन सुधारने और मानसिक तनाव कम करने में सहायक है।

2. शंखपुष्पी चूर्ण (पाउडर) का उपयोग:

  • 1 चम्मच (लगभग 3-5 ग्राम) शंखपुष्पी चूर्ण को गर्म दूध या शहद के साथ लिया जा सकता है।
  • सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले सेवन करने से अच्छा असर होता है।

विशेष टिप्स:

  • शंखपुष्पी को ब्राह्मी और अश्वगंधा जैसे अन्य हर्ब्स के साथ मिलाकर लेना अधिक लाभदायक होता है।
  • निरंतर 2-3 महीने तक सेवन करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।
  • गर्भवती महिलाएं और दवाइयों का सेवन कर रहे लोग इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. शंखपुष्पी बच्चों को दी जा सकती है क्या?
हाँ, शंखपुष्पी सिरप बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और उनकी याददाश्त व मानसिक विकास में सहायक होता है।

Q2. क्या शंखपुष्पी का कोई साइड इफेक्ट है?
सामान्यतः नहीं, लेकिन अत्यधिक मात्रा में लेने से दस्त या सिरदर्द हो सकता है। डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

Q3. शंखपुष्पी और ब्राह्मी में क्या अंतर है?
दोनों ही मेधावर्धक हैं, लेकिन शंखपुष्पी मुख्यतः तनाव और चिंता कम करने में ज्यादा असरदार मानी जाती है।

Q4. कितने समय तक शंखपुष्पी का उपयोग करना चाहिए?
कम से कम 2-3 महीने नियमित सेवन करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।



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