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What is Vijaysar?

Vijaysar is an important medicinal tree, whose scientific name is Pterocarpus marsupium. This tree belongs to the Papilionaceae family and is also known as ‘Madhuka’, ‘Kishmish’ and ‘Pittavriksha’ in many parts of India. Its tree is medium sized and its leaves are small and flowers are yellow in color. Its wood is red-brown in color, which has a special place in Ayurvedic treatment. Vijaysar wood has been used for the treatment of diabetes since ancient times. Soaking it in water and drinking it helps in controlling blood sugar. The bark and leaves of Vijaysar have antioxidant, anti-inflammatory and anti-microbial properties, which make it effective in the treatment of problems like heart diseases, obesity, and joint pain. Apart from this, Vijaysar is also used for skin diseases, wound healing and improvement of the digestive system. It is recognized as an important herbal medicine in Ayurveda, which is helpful in maintaining overall health.

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Benefits of Vijaysar

1. Diabetes control

The most prominent benefit of Vijaysar is its use in diabetes control. Vijaysar wood is especially used for the treatment of diabetes. It is called ‘panacea for diabetes’ in Ayurveda. A piece of Vijaysar wood is soaked in water overnight, which is drunk on an empty stomach in the morning. This water has natural blood sugar controlling properties, which promote insulin production in the body and slow down the absorption of sugar. This water gradually balances the glucose level in the blood, which benefits diabetics. Elements such as flavonoids and tannins present in Vijaysar wood are responsible for the anti-diabetic effect. Consuming it regularly can control blood sugar levels, reducing the risk of diabetes-related complications.

2. Helps in weight loss

Vijaysar is also helpful in weight loss. It helps to boost metabolism naturally, thereby accelerating the process of burning fat in the body. Consuming Vijaysar wood or bark controls appetite, thereby reducing the tendency to overeat. It also helps in flushing out toxins from the body, keeping the digestive system healthy and accelerating the process of weight loss.

3. Heart Health

Vijaysar is also used to improve heart health. The antioxidants and anti-inflammatory properties present in it play an important role in keeping the heart healthy. Consumption of Vijaysar helps in controlling cholesterol levels in the body, especially in reducing LDL (bad cholesterol) and increasing HDL (good cholesterol). This reduces the deposition of cholesterol in the arteries, thereby ensuring smooth blood flow and reducing the risk of heart diseases.

4. Relief in Joint Pain

Vijaysar is known to be an effective medicine for providing relief in joint pain and inflammation. It has natural anti-inflammatory properties, which help reduce inflammation and pain in the body. Vijaysar is especially beneficial in arthritis, osteoarthritis, and other joint-related problems. Elements like flavonoids and tannins present in Vijaysar reduce inflammation and act as pain relievers.

5. Improves Digestion

Vijaysar plays an important role in improving the digestive system. It is used in Ayurveda for the treatment of digestion related problems. The natural elements present in the bark and wood of Vijaysar balance the digestive process and are helpful in relieving problems like gas, indigestion, and constipation. It promotes the secretion of digestive enzymes, which improves the digestion of food and absorption of nutrients in a more effective way.

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विजयसार क्या है?

विजयसार एक महत्वपूर्ण औषधीय वृक्ष है, जिसका वैज्ञानिक नाम Pterocarpus marsupium है। यह वृक्ष पपिलियोनेसी परिवार से संबंधित है और इसे भारत के कई भागों में ‘मधुका’, ‘किशमिशी’ और ‘पिट्टवृक्ष’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका वृक्ष मध्यम आकार का होता है और इसके पत्ते छोटे और फूल पीले रंग के होते हैं। इसकी लकड़ी लाल-भूरे रंग की होती है, जिसका आयुर्वेदिक उपचार में विशेष स्थान है।विजयसार की लकड़ी का उपयोग प्राचीन काल से मधुमेह के उपचार के लिए किया जा रहा है। इसे पानी में भिगोकर पीने से रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। विजयसार की छाल और पत्तियों में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो इसे हृदय रोगों, मोटापे, और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं के उपचार में प्रभावी बनाते हैं। इसके अलावा, विजयसार का उपयोग त्वचा रोगों, घाव भरने और पाचन तंत्र के सुधार के लिए भी किया जाता है। यह आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण हर्बल दवा के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होती है।

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विजयसार के फायदे

1. मधुमेह नियंत्रण

विजयसार का सबसे प्रमुख लाभ मधुमेह नियंत्रण में इसका उपयोग है। विजयसार की लकड़ी को विशेष रूप से मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। इसे आयुर्वेद में ‘मधुमेह का रामबाण’ कहा जाता है। विजयसार की लकड़ी का एक टुकड़ा पानी में रातभर भिगोकर रखा जाता है, जिसे सुबह खाली पेट पीया जाता है। इस पानी में प्राकृतिक रूप से रक्त शर्करा को नियंत्रित करने वाले गुण होते हैं, जो शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं और शर्करा के अवशोषण को धीमा करते हैं। यह पानी धीरे-धीरे रक्त में ग्लूकोज के स्तर को संतुलित करता है, जिससे मधुमेह रोगियों को फायदा होता है। विजयसार की लकड़ी में मौजूद फ्लेवोनोइड्स और टैनिन्स जैसे तत्व एंटी-डायबिटिक प्रभाव के लिए जिम्मेदार होते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे मधुमेह से संबंधित जटिलताओं का जोखिम कम होता है।

2. वजन घटाने में मदद

विजयसार वजन घटाने में भी सहायक होता है। यह प्राकृतिक रूप से चयापचय को बढ़ावा देने में मदद करता है, जिससे शरीर में वसा की जलने की प्रक्रिया तेज होती है। विजयसार की लकड़ी या छाल का सेवन करने से भूख नियंत्रित होती है, जिससे अत्यधिक खाने की प्रवृत्ति कम होती है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है, जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और वजन कम करने की प्रक्रिया को तेज़ी मिलती है।

3. हृदय स्वास्थ्य

विजयसार का उपयोग हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हृदय को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विजयसार का सेवन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, विशेषकर एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने और एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाने में। इससे धमनियों में कोलेस्ट्रॉल का जमाव कम होता है, जिससे रक्त प्रवाह सुचारु रूप से होता है और हृदय रोगों का जोखिम कम होता है।

4. जोड़ों के दर्द में राहत

विजयसार जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत प्रदान करने के लिए एक प्रभावी औषधि के रूप में जाना जाता है। इसमें प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। विशेष रूप से गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और अन्य जोड़ों से संबंधित समस्याओं में विजयसार का उपयोग फायदेमंद होता है। विजयसार में मौजूद फ्लेवोनोइड्स और टैनिन्स जैसे तत्व सूजन को कम करते हैं और दर्द निवारक के रूप में कार्य करते हैं।

5. पाचन सुधार

विजयसार पाचन तंत्र को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका उपयोग आयुर्वेद में पाचन से जुड़ी समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है। विजयसार की छाल और लकड़ी में मौजूद प्राकृतिक तत्व पाचन प्रक्रिया को संतुलित करते हैं और गैस, अपच, और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। यह पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ावा देता है, जिससे भोजन का पाचन बेहतर होता है और पोषक तत्वों का अवशोषण अधिक प्रभावी तरीके से होता है।

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200gm, 400gm, 800gm, 1kg

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