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What is Lajwanti Seeds?

Lajwanti seeds, scientifically known as Mimosa pudica, is an Ayurvedic herb, famous for its sensitive and fast-reacting leaves. Its seeds are small and hard, which have many medicinal properties. Lajwanti seeds mainly contain antioxidant, antibacterial and anti-inflammatory elements, which make it useful in the treatment of many health problems.

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Benefits of Lajwanti Seeds

1. Beneficial in skin diseases

Lajwanti seeds are considered extremely effective in various skin diseases. They have natural anti-bacterial and anti-inflammatory properties, which are helpful in reducing infections and inflammation on the skin. Applying paste of Lajwanti seeds on the skin provides relief in problems like eczema and psoriasis. This paste reduces skin irritation, itching and redness. Its regular use improves the skin condition and wounds or rashes start healing quickly.

2. Helpful in urinary infection

Lajwanti seeds are considered highly helpful in the treatment of urinary infection (UTI). The anti-bacterial and anti-inflammatory properties present in them help in destroying the infection-causing bacteria and reducing inflammation. Making a decoction of Lajwanti seeds and consuming it cleans the urinary tract, reducing the risk of infection. This decoction also reduces problems like burning sensation, pain, and frequent urination in the urinary tract. Regular consumption of Lajwanti seeds increases the strength of the bladder and prevents future infections.

3. Improves digestion

Lajwanti seeds are effective in strengthening the digestive system and relieving various digestive problems. They are rich in fiber and other digestive elements, which help in cleaning the intestines and smoothening the digestive process. Regular consumption of Lajwanti seeds reduces problems like constipation, gas, indigestion and acidity. These seeds control harmful bacteria formed in the intestines and encourage the growth of healthy bacteria, thereby improving gut health.

4. Helpful in stopping bleeding

Lajwanti seeds are considered effective in stopping bleeding and faster healing of wounds. They have natural hemostatic (stopping bleeding) properties, which help in stopping bleeding quickly in case of cuts, scrapes or injuries. These seeds are helpful in thickening the blood and clotting it quickly at the site of injury or wound, which leads to quick healing of the wound. In Ayurveda, there is a tradition of making a paste of Lajwanti seeds and applying it directly on the wound, which stops bleeding immediately and also reduces the risk of infection.

5. Bone strength

Lajwanti seeds are extremely helpful in increasing bone strength. The calcium, phosphorus, and other important minerals present in them help in the development and strengthening of bones. Regular consumption of these seeds helps maintain bone density, thereby reducing the risk of bone-related diseases like osteoporosis. Especially in old age, when bones start weakening, Lajwanti seeds keep the bones strong by providing them with the necessary nutrition.

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लाजवंती सीड्स क्या है?

लाजवंती के बीज, जिसे वैज्ञानिक रूप से Mimosa pudica के नाम से जाना जाता है, एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो इसके संवेदनशील और तेजी से प्रतिक्रिया करने वाले पत्तों के लिए प्रसिद्ध है। इसके बीज छोटे और कठोर होते हैं, जिनमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। लाजवंती के बीजों में प्रमुख रूप से एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं, जो इसे कई स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में उपयोगी बनाते हैं।

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लाजवंती सीड्स के फायदे

1. त्वचा के रोगों में लाभकारी

लाजवंती के बीज त्वचा के विभिन्न रोगों में अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं। इनमें प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा पर होने वाले संक्रमणों और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। एक्जिमा और सोरायसिस जैसी समस्याओं में लाजवंती के बीजों का पेस्ट त्वचा पर लगाने से राहत मिलती है। यह पेस्ट त्वचा की जलन, खुजली और लालिमा को कम करता है। इसके नियमित उपयोग से त्वचा की स्थिति में सुधार होता है और घाव या दाने जल्दी भरने लगते हैं।

2. मूत्र संक्रमण में सहायक

लाजवंती के बीज मूत्र संक्रमण (यूटीआई) के उपचार में अत्यधिक सहायक माने जाते हैं। इनमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। लाजवंती के बीजों का काढ़ा बनाकर सेवन करने से मूत्र मार्ग की सफाई होती है, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। यह काढ़ा मूत्र मार्ग में जलन, दर्द, और बार-बार पेशाब आने जैसी समस्याओं को भी कम करता है। नियमित रूप से लाजवंती के बीजों का सेवन मूत्राशय की ताकत बढ़ाता है और भविष्य में संक्रमण से बचाव करता है।

3. पाचन में सुधार

लाजवंती के बीज पाचन तंत्र को मजबूत करने और विभिन्न पाचन समस्याओं से राहत दिलाने में प्रभावी होते हैं। इनमें फाइबर और अन्य पाचक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो आंतों की सफाई और पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाने में मदद करते हैं। लाजवंती के बीजों का नियमित सेवन कब्ज, गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं को कम करता है। ये बीज आंतों में बनने वाले हानिकारक बैक्टीरिया को नियंत्रित करते हैं और स्वस्थ बैक्टीरिया के विकास को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे पेट की सेहत में सुधार होता है।

4. रक्तस्राव रोकने में सहायक

लाजवंती के बीज रक्तस्राव को रोकने और घावों के तेजी से उपचार में प्रभावी माने जाते हैं। इनमें प्राकृतिक हीमोस्टेटिक (रक्तस्राव को रोकने वाला) गुण होते हैं, जो कटने, छिलने या चोट लगने पर बहते हुए खून को जल्दी रोकने में मदद करते हैं। ये बीज रक्त को गाढ़ा करने और चोट या घाव के स्थान पर तेजी से जमाने में सहायक होते हैं, जिससे घाव जल्दी भरने लगता है। आयुर्वेद में, लाजवंती के बीजों का पेस्ट बनाकर सीधे घाव पर लगाने की परंपरा है, जिससे रक्तस्राव तुरंत रुक जाता है और संक्रमण का खतरा भी कम होता है।

5. हड्डियों की मजबूती

लाजवंती के बीज हड्डियों की मजबूती बढ़ाने में अत्यधिक सहायक होते हैं। इनमें मौजूद कैल्शियम, फॉस्फोरस, और अन्य महत्वपूर्ण खनिज हड्डियों के विकास और उन्हें मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इन बीजों का नियमित सेवन हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी संबंधी बीमारियों का जोखिम कम होता है। विशेष रूप से वृद्धावस्था में, जब हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं, लाजवंती के बीज हड्डियों को आवश्यक पोषण देकर उन्हें मजबूत बनाए रखते हैं।

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100gm, 200gm, 400gm, 800gm, 1kg

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